पलामू समाचार केंद्र पाटन प्रतिनिधि रामाशीष कुमार चुरादोहरा आंगनबाड़ी केंद्र कभी-कभार ही होती है संचालित,,नन्हें मुन्हे बच्चे लाभ से वंचित। जिम्मेवार अधिकारी नहीं ले रहे शुद्ध,कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति दयनीय बनी हुई हैं। जो अपने उद्देश्य से भटकता हुआ नजर आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्र कब खुलता है। और कब बंद होता है। इसका पता ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी नहीं चल पाता है। यह कहना गलत नहीं है।केंद्रों का संचालन कागजों पर ही किया जा रहा है। पत्रकारों की टीम ने शनिवार को पाटन प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत महूलिया पंचायत के चुरादोहर में अवस्थित आंगनबाड़ी केंद्र की पड़ताल की जिसमें कई खामियां देखने को मिली।पत्रकारों की टीम ने 11:30 बजे आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 252 चुरादोहर पहुंची। जहां ना तो आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे थे। और ना ही सहायिका सेविका उपस्थित थी।आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति देख कहीं से भी यह नहीं लग रहा था। कि आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होता है। आंगनबाड़ी केंद्र में ताला लटकी ...
डीसी ने सामाजिक सुरक्षा व समाज कल्याण अंतर्गत बाल संरक्षण इकाई द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की
पलामू समाचार केंद्र
प्रतिनिधि मेदिनीनगर पलामू झारखंड
दीपक तिवारी
+917979886793
*जिला जनसंपर्क कार्यालय, पलामू।*
*District Public Relations Office*
*प्रेस विज्ञप्ति संख्या 41/06-2025*
*17 जून 2025*
*मेदिनीनगर (पलामू)*
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उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी समीरा एस ने समाहरणालय के सभागार से मंगलवार को जिला सामाजिक सुरक्षा विभाग व समाज कल्याण अंतर्गत बाल संरक्षण इकाई द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की।इस दौरान उन्होंने सर्वप्रथम सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक विक्रम आनंद से सामाजिक सुरक्षा अंतर्गत केंद्र व राज्य प्रायोजित सभी पेंशन योजनाओं की विवरणी व सभी योजनाओं के लाभुकों की जानकारी ली।इस दौरान बताया गया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था,विधवा व दिव्यांग पेंशन योजना के आवंटन अप्राप्त है जिसके कारण माह अप्रैल,मई व जून 2025 तक का भुगतान लंबित है।इसके अलावे विभिन्न पेंशन योजनाओं में वित्त वर्ष 2025-26 में प्राप्त आवंटन की भी समीक्षा की गयी।उपायुक्त ने एचआईवी पर काम कर रहे विभिन्न एनजीओ संग बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए एचआईवी पीड़ित सभी लाभुकों को पेंशन देने की बात कही।
वहीं समाज कल्याण अंतर्गत बाल संरक्षण इकाई में कार्यरत विभिन्न पदों की जानकारी ली,बताया गया कि कुल स्वीकृत 13 पद में से वर्तमान में 7 पदों पर मानव बल कार्यरत है और शेष 6 की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है।इस दौरान उपायुक्त ने मिशन वात्सल्य के तहत संस्थागत सेवाएं यथा शेल्टर होम्स,चिल्ड्रेन्स होम्स,ऑब्जरवेशन होम्स,स्पेशल होम्स व स्पेशलाइज्ड सर्विसेज फॉर चिल्ड्रन विथ स्पेशल नीड तथा गैर संस्थागत अंतर्गत स्पॉन्सरशिप, फोस्टर केयर,एडॉप्शन व स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन एजेंसी के तहत किये गये कार्यों की समीक्षा की गयी।
*मिशन वात्सल्य बच्चों की सुरक्षा के लिए बेहतर*
डीसी ने मिशन वात्सल्य को समाज के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि यह योजना अनाथ बच्चों,मानव तस्करी के शिकार बच्चों,बाल मजदूरी में संलग्न बच्चों और घुमंतू बच्चों को एक सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन प्रदान करने में मील का पत्थर साबित होने जैसा है।उन्होंने बाल सुरक्षा समितियों और स्थानीय संस्थाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि बच्चों को उनका अधिकार दिलाने और उनके साथ होने वाली किसी भी प्रकार की उपेक्षा या हिंसा को रोकने के लिए हर स्तर पर संवेदनशीलता और तत्परता दिखाते हुए जमीनी स्तर पर कार्य करने पर बल दिया।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त,सहायक समाहर्ता, सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक विक्रम आनंद,जिला समाज कल्याण पदाधिकारी समेत बाल संरक्षण इकाई से जुड़े कर्मीगण उपस्थित रहे।
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Editor-In-Chief
PUSHKAR TIWARI
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