पलामू समाचार केंद्र पाटन प्रतिनिधि रामाशीष कुमार चुरादोहरा आंगनबाड़ी केंद्र कभी-कभार ही होती है संचालित,,नन्हें मुन्हे बच्चे लाभ से वंचित। जिम्मेवार अधिकारी नहीं ले रहे शुद्ध,कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश बाल विकास परियोजना द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति दयनीय बनी हुई हैं। जो अपने उद्देश्य से भटकता हुआ नजर आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में आंगनबाड़ी केंद्र कब खुलता है। और कब बंद होता है। इसका पता ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी नहीं चल पाता है। यह कहना गलत नहीं है।केंद्रों का संचालन कागजों पर ही किया जा रहा है। पत्रकारों की टीम ने शनिवार को पाटन प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत महूलिया पंचायत के चुरादोहर में अवस्थित आंगनबाड़ी केंद्र की पड़ताल की जिसमें कई खामियां देखने को मिली।पत्रकारों की टीम ने 11:30 बजे आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 252 चुरादोहर पहुंची। जहां ना तो आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे थे। और ना ही सहायिका सेविका उपस्थित थी।आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति देख कहीं से भी यह नहीं लग रहा था। कि आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होता है। आंगनबाड़ी केंद्र में ताला लटकी ...
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दीपक कुमार तिवारी
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है. सोमवार शाम को 84 साल की उम्र में प्रणब मुखर्जी ने अंतिम सांस ली. वो पिछले कई दिनों से बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे. बीते दिनों प्रणब मुखर्जी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, उनकी सर्जरी भी हुई थी. प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर प्रणब मुखर्जी के निधन की जानकारी दी।
पूर्व राष्टृपति भारतरत्न स्वर्गीय प्रणव मुखर्जी जी का जन्म पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के गाँव में एक ब्राह्मण परिवार में कामदा किंकर मुखर्जी और राजलक्ष्मी मुखर्जी के यहाँ हुआ था! उनके पिता 1920 से कांग्रेस पार्टी में सक्रिय होने के साथ पश्चिम बंगाल विधान परिषद में 1952 से 64 तक सदस्य और वीरभूम (पश्चिम बंगाल) जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रह चुके थे!उनके पिता एक सम्मानित स्वतन्त्रता सेनानी थे, जिन्होंने ब्रिटिश शासन की खिलाफत के परिणामस्वरूप 10 वर्षो से अधिक जेल की सजा भी काटी थी!
प्रणव दादा का जन्म चुकी स्वतंत्रता सेनानी के घर में हुआ था, उन्हे भारतीय राजनीति मे गहरी रुचि रही! वे भारतीय राजनीति मे विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रह कर देश को आगे ले जाने का काम किया! न्यूयॉर्क से प्रकाशित पत्रिका, यूरोमनी के एक सर्वेक्षण के अनुसार, वर्ष 1984 में दुनिया के पाँच सर्वोत्तम वित्त मन्त्रियों में से एक प्रणव मुखर्जी भी थे, जो देश के गौरव की बात है!
उन्हें सन् 1997 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का अवार्ड भी मिला!
वित्त मन्त्रालय और अन्य आर्थिक मन्त्रालयों में राष्ट्रीय और आन्तरिक रूप से उनके नेतृत्व का लोहा माना गया! वह लम्बे समय के लिए देश की आर्थिक नीतियों को बनाने में महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं!
उनके नेत़त्व में ही भारत ने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के ऋण की 1.1 अरब अमेरिकी डॉलर की अन्तिम किस्त नहीं लेने का गौरव अर्जित किया! सन 1980-1985 के दौरान प्रधानमन्त्री की अनुपस्थिति में उन्होंने केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल की बैठकों की अध्यक्षता भी की!
उन्हें सन् 2008 के दौरान सार्वजनिक मामलों में उनके योगदान के लिए भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से नवाजा गया! उन्होंने 25 जुलाई 2012 को भारत के तेरहवें राष्ट्रपति के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली!
प्रणव मुखर्जी जी को 26 जनवरी 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
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